The Shodashi Diaries

Wiki Article



The Matrikas, or perhaps the letters from the Sanskrit alphabet, are deemed the subtle type of the Goddess, with each letter Keeping divine electric power. When chanted, these letters Blend to type the Mantra, developing a spiritual resonance that aligns the devotee While using the cosmic Electrical power of Tripura Sundari.

चक्रेश्या प्रकतेड्यया त्रिपुरया त्रैलोक्य-सम्मोहनं

सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां

Saadi mantras tend to be more obtainable, employed for general worship also to invoke the presence on the deity in way of life.

॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥

The Devi Mahatmyam, a sacred text, details her valiant fights inside a series of mythological narratives. These battles are allegorical, symbolizing the spiritual ascent from ignorance to enlightenment, While using the Goddess serving given that the embodiment of supreme knowledge and electrical power.

श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या

Philosophically, she symbolizes the spiritual journey from ignorance to enlightenment and is also associated with the supreme cosmic electrical power.

These gatherings are not simply about personal spirituality but in addition about reinforcing the communal bonds via shared activities.

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

Being familiar with the importance of such classifications helps devotees to pick the suitable mantras for his or her own more info spiritual journey, making sure that their methods are in harmony with their aspirations along with the divine will.

Report this wiki page